एएसआई समेत दो रिश्वत लेते पकड़े गए, मामला दर्ज
सूरजपुर। मारपीट के मामले में गंभीर रूप से घायल पीडि़त पक्ष से आरोपितों के विरुद्ध धारा 307 जोडऩे के नाम पर दस हजार की रिश्वत लेते सूरजपुर जिले के रामानुजनगर थाना के एक सहायक उप निरीक्षक और उसके सहयोगी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
बता दे कि 24 मई को रामानुजनगर थाना इलाके के ग्राम सुरता में मुर्गा खिलाने के नाम पर रामप्रताप सिंह को घर से बाहर देवल्ला के समीप टांगी से प्राणघातक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर देने के मामले में घायल की मितानिन पत्नी कमालो बाई की रिपोर्ट पर रामानुजनगर पुलिस ने मंगल सिंह समेत उसके भाई रामदेव व सुनील सिंह के विरुद्ध मारपीट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया था। मारपीट में गंभीर रूप से घायल राम प्रताप सिंह का मेडिकल कालेज अंबिकापुर में उपचार चल रहा है। इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध धारा 307 की धारा जोडऩे के नाम पर रामानुजनगर थाना के सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह द्वारा पीडि़त पक्ष से 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। पीडि़त पक्ष ने इस आशय की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की। ब्यूरो ने पूरे मामले की तस्दीक करने के बाद रिश्वत मांगने वाले एएसआई को रंगे हाथ पकडऩे की योजना बनाई।इसके तहत बुधवार को पीडि़त पक्ष सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह को दस हजार रुपये देने रामानुजनगर थाना पहुंचा। वहां सहायक उप निरीक्षक ने थाने में ही मौजूद सुरता गांव के मोइनुद्दीन को राशि देने को कहा और जैसे ही पीडि़त पक्ष ने मोइनुद्दीन को दस हजार रुपये दिए, वैसे ही वहां मौजूद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उपनिरीक्षक माधव सिंह एवं उनके सहयोगी मोइनुद्दीन को दस हजार रुपये के साथ रंगे हाथ धरदबोचा। दोनों आरोपितों के विरुद्ध एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा वैधानिक कार्रवाई की गई। भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के मुख्यमंत्री के बयान के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पूरे प्रदेश में लगातार कार्रवाई कर रही है।
हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रिश्वतखोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उदयपुर एसडीएम समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। सप्ताह भर के भीतर सरगुजा संभाग में यह दूसरी कार्रवाई है।