एमपी नगर में चोरी करने वाले दो आरोपित पकड़े गए बिलासपुर से
मामले में दो अन्य आरोपी राजेश साहू उर्फ बंबईया और शशिकांत वैष्णव उर्फ फुन्थरु फरार है। इनकी पतासाजी की जा रही है।आरोपितों को पकड़कर कोरबा लाया गया।
कोरबा। महाराणा प्रताप नगर के आवास के नगदी सोने- चांदी के जेवरात की चोरी कर ली गई थी। मामले में पुलिस ने विवेचना उपरांत दो आरोपितों को बिलासपुर से गिरफ्तार किया। जबकि दो आरोपित अभी भी फरार हैं।
सिविल थाना पुलिस रामपुर अंतर्गत महाराणा प्रताप नगर के आवास क्रमांक वन- 67 में निवासरत राकी चौरसिया ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि आठ दिसंबर की रात अज्ञात चोर ने घर अंदर घुसकर सोने चांदी के जेवर एवं नगदी रकम की चोरी कर ली थी। मामले में पुलिस ने धारा 457, 380 कायम कर विवेचना में लिया था। पुलिस की चार टीम बनाकर आरोपित की पतासाजी की जा रही थी। इसमें एक टीम संदिग्ध नंबरों की डाटा एनालिसेस कर रही थी, तो दो टीमें घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरा को खंगाल रही थी।
फुटेज में तीन संदेहियों की संलिप्तता दिखाई दी, तब फोटो निकालकर वाट्सअप एवं इंटरनेट मीडिया में वायरल किया गया। इस दौरान मुखबीर द्वारा सूचना मिली कि संदेही थाना तोरवा जिला बिलासपुर क्षेत्र के रहने वाला शातिर किस्म का आरोपित सुरेश पटेल उर्फ पांतनु है। सूचना पर थाना सिविल लाईन पुलिस व साइबर सेल कोरबा की एक-एक टीम बिलासपुर के लिए रवाना हुई। बिलासपुर में पटेलपारा तोरवा में घेराबंदी कर आरोपी सुरेश पटेल को पकड़ा। पूछताछ करने पर सुरेश पहले तो चोरी करने से इंकार करता रहा।
पर बाद में टीम द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर अपने अन्य साथी राजेश साहू उर्फ बंबईया और शशिकांत वैष्णव उर्फ फुन्थरु के साथ कोरबा जाकर चोरी करना बताया। आरोपी सुरेश पटेल ने चोरी किए सामान को एक नीला रंग के बैग में नगद 45,180 रुपये एवं सोने चांदी के जेवर एवं चोरी के रकम से खरीदा हुआ एक मोबाइल जब्त किया गया। आरोपित सुरेश ने बताया कि राजेश साहू अपने हिस्सा के पैसा व सोने चांदी को अपने भाई भीम कुमार साहू उर्फ राजू के पास रखना बताया, तब उसे घेराबंदी कर पकड़ा गया। भीम साहू से चोरी गए मशरुका नगद 50 हजार रूपये व सोने के अंगूठी को बरामद किया। मामले में दो अन्य आरोपी राजेश साहू उर्फ बंबईया और शशिकांत वैष्णव उर्फ फुन्थरु फरार है। इनकी पतासाजी की जा रही है।आरोपितों को पकड़कर कोरबा लाया गया।
आरोपितों ने पूछताछ करने पर बताया कि आठ दिसंबर को दोपहर तीन बजे तीनों दोस्त बस में बैठकर ट्रांसपोर्ट नगर कोरबा आए। यहां से लालूराम कालोनी तरफ सूने मकान की तलाशी किए, जो नहीं दिखा। बाद आटो से बैठकर घंटाघर आए। घंटाघर से आगे सूने मकान की रेकी किए, जहां रात में एक घर के सामने ताला लगा हुआ देखा। उसे देखकर वापस निहारिका तरफ आ गए। रात में निहारिका के पास शराब लेकर पानी टंकी के पास गए और शराब पीकर खाना खाए। रात दो बजे सूने मकान में जाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया और चोरी कर कोरबा से चांपा होते हुए से बिलासपुर रवाना हो गए।