बिलासपुर में तेज रफ्तार से फैल रहा मलेरिया
कोटा के 54 गांव मलेरिया के लिए अति संवेदनशील हैं। मौजूदा समय में इन गांव में मलेरिया के मामले सामने आने लगे हैं। तीन दिन के भीतर कोटा के आमागोहन, टांटीधार, करवा, कुरदर, खोंगसरा, टेंगनमाड़ा, कारमाटी, लमेर में मरीज मिल चुके हैं।स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में सर्वे करने का ही काम कर रही है।
बिलासपुर । स्वास्थ्य विभाग का नियंत्रण कार्य बहुत ही धीमा है। इसी वजह से स्वास्थ्य अमला समय पर मरीज तक नहीं पहुंच पा रहा है और मरीज की हालत बिगड़ते जा रही है। वहीं दूसरी ओर मलेरिया के मच्छर लोगों को लगातार बीमार कर रहा है। यदि मलेरिया रोकने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इसके और गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
ग्राम पंचायत सिलपहरी के सरपंच दुष्यंत कुमार ने बताया कि इस ग्राम पंचायत और आश्रित ग्राम कारीमाटी में इससे पहले कभी भी स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है और नहीं स्वस्थ विभाग की ओर से कभी मच्छरदानी बांटी गई है। यहां तक कि कोई टैबलेट वितरण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की सभी योजना बस कागजों तक सीमित है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू के लिए संवेदनशील गांव होने के बाद भी कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है और हर साल मलेरिया के मामले सामने आते हैं।
इसीलिए नहीं पहुंचता है स्वास्थ्य अमला
ग्राम कारीमाटी पहुंच विहीन गांवों में से एक होने के साथ पहाड़ पर बसा हुआ है। यहां पर दो-पहिया वाहन भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाता है। यातायात के कोई भी साधन नहीं है। ज्यादातर पैदल ही आना-जाना होता है। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस गांव में नहीं जाती है। ऐसे में ग्रामीणों को अपने हाल में जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा इनसे काफी दूर है। इन्ही कारणों से इन्हें झोलाछाप से इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं। इसे उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने तत्काल संज्ञान में लिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई और मलेरिया के पाजिटिव मरीजों के उपचार करने के निर्देश दिए हैं। मुंगेली सीएमएचओ डा़ देवेंद्र पैकरा ने बताया कि डिप्टी सीएम के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर राहुल देव के मार्गदर्शन में अचानकमार सेक्टर के ग्राम अचानकमार, तिलैईडबरा, छपरवा और सारसडोल में मलेरिया जांच सह स्वास्थ्य जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। यहां मलेरिया पाजिटिव मरीज मिलने पर उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
इस तरह बरतें सावधानी
– घर के आसपास झाड़ियां उगने न दें।
– स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
– घर के आसपास और पुराने बर्तनों में पानी का जमाव न होने दें।
– घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
– रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
– घरों से मच्छर भगाने के लिए दवाओं का उपयोग करें।
– तेज बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द हो तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें और मलेरिया जांच कराएं।
महज सर्वे कर की जा रही खानापूर्ति
स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में सर्वे करने का ही काम कर रही है। इसके अलावा मच्छर नियंत्रण, लार्वा खोजने, मच्छरों को मारने दवा आदि का उपयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में मच्छरों का आंतक है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। इसी वजह से मलेरिया से मौत हो रही हैं और लगातार इनके मरीज मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग मलेरिया नियंत्रण में पूरी तरह से फैल हो गया है।
वर्जन
मलेरिया की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मलेरिया विभाग के सभी कर्मचारियों को लगा दिया गया है। जो प्रभावित क्षेत्र में सघन दौरा और सर्वे का काम कर रहे हैं। साथ ही मिलने वाले मरीजों का इलाज सिम्स में भर्ती कर कराया जा रहा है।
अनिल श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी