श्रमवीरों के लिए एक नवंबर से शुरू होगी तीन नई योजनाएं, अब रसूखदार स्कूलों में पढ़ेंगे श्रमिकों के बच्चे
छत्तीसगढ़ सरकार निर्माण श्रमिकों के 28 लाख सदस्यों के लिए तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रही है। इनमें अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना, मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, और उच्च शिक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग योजना शामिल हैं। इन योजनाओं की शुरुआत एक नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर होगी।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 28 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए राज्य सरकार तीन नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है।इनमें निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की प्रक्रिया की शुरुआत एक नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर होगी। साथ ही मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों को उच्च शिक्षा आईआईटी, जेईई, नीट, सीए की परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग योजना भी शुरू होगी। श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के संचालक मंडल की बैठक हुई।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कौशल उन्नयन के लिए निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना भी शुरू होगी। बैठक में श्रम विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल वर्मा, बीओसी की सचिव सविता मिश्रा, मुख्य निरीक्षक सह श्रमायुक्त एसएस पैकरा सहित अन्य उपस्थित रहे।
शुरू होगी श्रम अन्न योजना
संचालक मंडल की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के अंतर्गत सभी जिलों में योजना शुरू करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में नौ जिलों में कुल 33 भोजन केंद्र संचालित हैं।
निर्माण श्रमिकों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण
बोर्ड की बैठक में निर्माणी श्रमिकों और उनके परिवार जनों के मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण कराने का भी निर्णय हुआ। स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी से भी परीक्षण कराया जाएगा,इसका लाभ 26 लाख से ज्यादा श्रमिकों को मिलेगा।
बिना पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु पर मंडल देगा एक लाख
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत बूथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को कार्यस्थल में दुर्घटना मृत्यु पर पांच लाख,स्थाई दिव्यांगत में ढाई लाख, सामान्य मृत्यु पर उनके वैध उत्तराधिकारी को एक लाख रुपये की राशि दी जाती है। अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मृत्यु उपरांत राशि देने का प्रावधान नहीं है।
बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे श्रमिक की कार्यस्थल पर अगर मृत्यु होती है तो उनके परिवार को एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। 21 अक्टूबर को महासमुंद जिला के श्रमिक परमानंद ध्रुव की ऊंचाई से गिर कर मौत हो गई थी। मृतक श्रमिक अपंजीकृत है। बोर्ड की बैठक में मृतक की पत्नी को एक लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया।