Korba News: कोरबा में मालगाड़ी हुई हादसे का शिकार, पांच डिब्बे पटरी से उतरे, कोयला लदान प्रभावित
Railway News Korba:पटरी में कोयला चूरा होने से बढ़ रही दुर्घटना साई़डिंग में कोयला लदान किए जाने से पटरी में गिर जाता है और चूरा हो जाता है।

कोरबा कोयला लोड करने दीपका रेलवे साइडिंग जा रही मालगाड़ी के पांच डिब्बे से पटरी से उतर गए। इसमें कुछ डिब्बे दूर जाकर पलट गए। घटना में यार्ड की सभी लाइन ब्लाक हो गई और 15 घंटे से अधिक समय तक कोयला लदान प्रभावित हो गया। इससे आधा दर्जन से ज्यादा मालगाड़ी में कोयला लदान नहीं हो सका।
सूचना मिलते ही एआरटी रेस्क्यू टीम द्वारा डिब्बों को वापस पटरी पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। साऊथ ईस्टर्न कोलफिल़्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका खदान से निकलने वाले कोयला के लिए दीपका में रेलवे साइडिंग बनाया गया है। यहां से छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रांत को कोयला भेजा जाता है।
कोरबा स्टेशन से गुरूवार की रात मालगाड़ी दीपका साइडिंग के लिए रवाना की गई। रात करीब 9.30 बजे गाड़ी जब दीपका के प्राइवेट साइडिंग में कृष्णा नगर के पास कोयला लदान के लिए प्लेसमेंट हो रही थी, तभी उसके डिब्बा क्रमांक 18, 19, 20, 21 व 22 पटरी से उतर गया। बताया जा रहा है कि मालगाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी, इसलिए कुछ डिब्बे बेपटरी हो दूर जाकर पलट गए। इसके बाद एक के बाद एक डिब्बे उतरते गए।
जानकारी होने पर चालक ने मालगाड़ी को रोका। इस घटना से यार्ड की सभी लाइन ब्लाक हो गई और कोयला लदान का काम प्रभावित हुआ। घटना की सूचना कोरबा स्टेशन में दी गई, तब स्टेशन से एक्सीडेंटल रिलिफ टीम (एआरटी) रेस्क्यू टीम स्थल के लिए रवाना किया गया। इस दौरान क्रेन को भी बुला कर डिब्बे को उठाने का प्रयास किया गया।
रेलवे से जुड़े जानकारों ने बताया कि शुक्रवार की शाम तक रेल लाइन व्यवस्थित कर लिया गया था, पर कोयला लदान शुरू नहीं हो सका है। संभावना जताई जा रही है कि देर रात तक कोयला लदान भी शुरू कर लिया जाएगा। रेल प्रबंधन ने मामले में विभागीय स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं।
पटरी में कोयला चूरा होने से बढ़ रही दुर्घटना साई़डिंग में कोयला लदान किए जाने से पटरी में गिर जाता है और चूरा हो जाता है। इससे पटरी में कोयला भर जाता है। साथ ही कोयला चूरा पानी गिरने से जम जाता है। यही वजह है कि मालगाड़ी के परिचालन में कई बार दिक्कत आती है और अक्सर मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से नीचे उतर जाते है। इसलिए समय- समय पर पटरी की सफाई कराना पड़ता है।