CG Election 2023: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग की ये सीटें भाजपा और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, जानिए सियासी समीकरण

Report by Suraj Tandekar..Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले छह ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जो अलग-अलग कारणों से कांग्रेस व भाजपा के लिए चुनौती बने हुए हैं। या यह कहें कि इन अबूझ पहेलियों को दोनों ही दलों के रणनीतिकार सुलझा नहीं पा रहे हैं। जिन सीटों पर कांग्रेस का प्रभुत्व बना हुआ है उससे अलग भाजपा के अभेद गढ़ के रूप में जिन सीटों पर भाजपा का कब्जा है, वहां भी कांग्रेसी रणनीतिकार अपना सियासी तरीका अपना नहीं पा रहे हैं। दोनों ही दलों के रणनीतिकार यहां के मतदाताओं के आगे असहाय नजर आते हैं।भाजपा के नजरिए से देखें तो बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाली चार विधानसभा सीटें कोटा, मरवाही, पाली तानाखार व खरसिया पहेली बनी हुई हैं। कुछ एक चुनाव को अपवाद स्वरुप छोड़ दें तो यहां भाजपा जीत के लिए तरस गई है।
भाजपा यहां जीत के लिए तरस गई
ऐसा भी नहीं है कि यहां किसी एक उम्मीदवार या चेहरे का जादू चलता है। उम्मीदवार के चेहरे के बाद पार्टी के निशान का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोलता है। तभी तो उम्मीदवार कोई भी हो, इन सीटों पर कांग्रेस को जीत मिलते ही रही है। प्रतिबद्ध मतदाताओं ने इस सीटों को कांग्रेस के अभेद गढ़ के रूप में छत्तीसगढ़ में प्रचारित कर दिया है। कोटा व मरवाही की सीटों पर कुछ अपवाद भी है।
अपवाद तो देखने को मिला पर इसके बाद भी भाजपा इसका चुनावी फायदा नहीं उठा पाई। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मरवाही से कांग्रेस से अलग होकर अजीत जोगी ने जकांछ के टिकट से चुनाव लड़ा। कोटा में भी यही राजनीतिक इतिहास दोहराया गया।कांग्रेस की विधायक डा रेणु जोगी अपने पति की पार्टी में शामिल हो गईं और जकांछ की टिकट से कोटा विधानसभा चुनाव लड़ीं। मरवाही और कोटा में जोगी दंपति की जीत हुई। कांग्रेस और जकांछ के बीच सियासी अंतरविरोध का फायदा भाजपा नहीं उठा पाई और भाजपा के हाथ दोनों सीट फिर भी नहीं आ पाई।
पाली तानाखार में मतदाताओं की जीत
पाली तानाखार विधानसभा में बड़ा उलटफेर हुआ। कांग्रेस के विधायक रामदयाल उइके कांग्रेस के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने टिकट भी दिया। मतदाताओं ने स्वीकार नहीं किया। कांग्रेस के नए चेहरे मोहित राम केरकेट्टा पर दांव खेला। चुनाव जीत गए।
भाजपा को मिला परिसीमन का लाभ
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद सीपत को विलोपित कर बेलतरा और जरहागांव को विलोपित कर मुंगेली विधानसभा सीट का गठन हुआ, तब से लेकर अब तक विधानसभा के तीन चुनाव हुए हैं। तीनों ही चुनाव में भाजपा जीत दर्ज करते आ रही है। परिसीमन के बाद कांग्रेस इन दोनों सीटों पर जीत के लिए तरस गई है।