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Chhattisgarh News: कोरबा में हाथियों के डर से नेता नहीं कर रहे चुनाव प्रचार, मतदान केंद्रों पर वन कर्मी तैनात

Chhattisgarh Elections 2023: छत्तीसगढ़ के सीमाई क्षेत्र कोरबा और सरगुजा में चुनाव प्रचार में हाथी लगातार समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। यहां हाथियों का इतना खौफ है कि शाम होने से पहले ही चुनाव प्रचार थम जाता है। पोलिंग बूथों में ये हाथी बाधा न बनें इसलिए मतदान केंद्रों पर वन कर्मी भी तैनात किया जा रहा है

छत्तीसगढ़ के पाली तानाखार और रामपुर विधान सभा इलाका हाथी प्रभावित हैं। यहां सूरज ढलने से पहले प्रचार थम जाता है। पोलिंग बूथों पर हाथियों के हमले का डर बना हुआ है। मतदान केन्द्रों से हाथियों को दूर रखने के लिए विभाग ने वन कर्मियों की ड्यूटी लगाई है।

कोरबा में चुनाव प्रचार पर हाथी समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। यही कारण है कि कई क्षेत्रों में शाम होने से पहले ही प्रचार थम जाता है। छत्तीसगढ़ के ये वे क्षेत्र हैं जहां दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होना है। विधानसभा चुनाव का प्रचार अब शबाब पर होना चाहिए था क्योंकि अब सिर्फ 2 दिन ही बाकी रह गए हैं। बुधवार 15 नवंबर शाम 5 बजे प्रचार थम जाएगा। उम्मीदवार इस दौर में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे है‌। लेकिन हाथी का डर उन्हें रोक रहा है।

मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। क्योंकि कब कहां से हाथियों का झुंड आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। हाथी कभी भी सड़क पार करते हुए आसपास ही घूमते रहते हैं। कोई भी प्रत्याशी शाम होने के बाद चुनाव प्रचार में खतरा मोल नहीं लेना चाहता है।

हाथियों की बढ़ती संख्या और उत्पात के बीच प्रभावित क्षेत्र क्षेत्रों 61 से भी अधिक पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। पाली-तानाखार और रामपुर विधानसभा क्षेत्र सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र हैं।

कटघोरा वन मंडल के डीएफओ कुमार निशांत के जानकारी अनुसार कटघोरा वन मंडल के अलग अलग रेंज में 60 हाथियों का दल मौजूद है। वनकर्मी नियमित निगरानी कर रहा है। हाथी प्रभावित मतदान केंद्र के लोगों से अपील की है कि शाम ढलने से पहले 17 नवंबर को अपना मतदान करें। हाथियों को प्रभावित मतदान केन्द्रों से दूर भगाने के लिए वन विभाग के अधिकारियो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।


Suraj Tandekar

Chief Editor

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